सितम्बर माह में उगाई जाने वाली सब्जिया
1) शिमला मिर्च
सितम्बर माह शुरू होने से पहले ही शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार कर ली जाती है और समय से इसको लगाना शुरू कर दें चाहिए। इसके बीज भी उत्तम कोटि के होने चाहिए और रोग रोधी हो। बीज लगाते समय ध्यान रखें कि बीज लगाने के बाद जब दोबारा उसका रोपण करे तो उस समय उसकी जड़ को शोधन ज़रूर करें। शिमला मिर्च का बीज जब भी लगाए तो कोशिश करे की २-३ दिन पहले भूमि का भी शोधन कर ले और सही तरीके से जुताई कर ले । इससे आप का उत्पादन काफी बेहतर होगा और आप को अच्छा भाव भी मिलेगा।
2) पत्तागोभी
पत्तागोभी भी एक ऐसी सब्जी है जिसकी सितम्बर माह में नर्सरी तैयार की जा सकती है । पत्ता गोभी में वैसे तो ज्यादा रोग लगने की संभावना नहीं होती परन्तु पत्ता गोभी में गलने की व कीट की समस्या हो सकती है और इन समस्याओं को दूर करने के लिए आप ऑर्गेनिक तरीकों का प्रयोग कर सकते है।
3) धनिया पत्ता
धनिया को भी सितंबर महीने में लगाया जाता है बारिश के कारण धनिया में अंकुरण की समस्या हो सकती है। धनिया उगाने के लिए खेत ऊंचाई पर होना चाहिए ताकि पानी ना लग सके तथा धनिया को क्यारियों में लगाया जाता है, ताकि निकासी व्यवस्था भी की जा सकें। धनिया में सीमित मात्रा में केमिकल का प्रयोग करें। अगर अधिक केमिकल का प्रयोग किया जाएगा तो फसल खराब या फिर फसल को नुकसान हो सकता है।
4) फूलगोभी
सर्दियों में खायी जाने वाली सब्जियों में से सर्व पसंदीदा सब्जी फूल गोभी है, जिसे सितम्बर माह में उगाया जाता है। फूलगोभी को उगाने से पहले उन्नत और उत्तम किस्म के बीज का चयन कर लेना चाहिए, इसके दो फायदे है एक तो फसल की उपज अच्छी रहेगी, दूसरा फसल में ज्यादा रोग नहीं लगेंगे
फूलगोभी की फसल में न केवल पौधे को बल्कि भूमि को भी शोधित करना आवश्यक है, इसके लिए जैविक (आर्गेनिक) कीटनाशक बनाए और उसका छिड़काव करें। जिससे आप अच्छा लाभ ले सकें।
5) बैंगन
बैंगन की खेती करना बेहद आसान हैं। इसके लिए सही बीजों का चयन करना काफी आवश्यक होता है। कई लोगों ने नर्सरी भी लगा ली है तथा इसकी जड़ का सही तरीके से शोधन करना काफी आवश्यक है। ऑर्गेनिक कीटनाशक के प्रयोग से काफी हद तक फसल को रोग से बचाया जा सकता है।
6) बैंगन
पालक साग आदि सब्जियों की खेती भी सितंबर महीने में की जाती हैं। पालक की बुवाई करते समय ध्यान रखें उसमें जल निकासी की व्यवस्था हो। पालक से भी काफी आमदनी हो सकती है बशर्ते बारिश से पालक को बचाया जा सके।
7) पपीता
सितंबर में उगाई जाने वाली सब्जियां में एक पपीता भी हैं।पपीता में वायरस की समस्या हो सकती है लेकिन इसको नीम का तेल प्रयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। पपीता लगाते समय एक-एक पपीते के बीच की दूरी का ध्यान जरूर रखें और यदि पपीता बेड पर लगाते हो काफी अच्छी फसल देखने को मिल सकती है।
8) हरी मिर्च
हरी मिर्च की फसल के लिए दो बाते आवश्यक है, पहली ये की हरी मिर्च का बीज रोग रोधी हो और बीज की बुआई करें तो पानी निकासी का इंतजाम पहले ही ज़रूर कर लें। हरी मिर्च की नर्सरी डालने के बाद जब रिप्लांट करें तो पहले भूमि शोधन अवश्य करें और खाद का बहुत ही सीमित मात्रा में प्रयोग करें नहीं तो आपको नुकसान भी सहना पड़ सकता हैं।
9) मूली
मूली को बोने के लिए अगर ऊंचाई वाला खेत है तो काफी बढ़िया है और यदि खेत ऊंचाई पर नहीं है तो इसे बेड पर भी लगा सकते हो। खेत की अच्छे ढंग से जुताई होनी चाहिए। जितनी अच्छी भुरभुरी मिट्टी होगी उतनी ही अच्छी आपको पैदावार मिलेगी।
10) ब्रोकली
ब्रोकली सब्जी ह्रदय के लिए बहुत ही फायदेमंद सब्जी है, इसकी गुणवत्ता के कारण इसका भाव १०० रूपए से लेकर २०० रूपए किलो तक रहता है। ब्रोकोली उगाने के लिए उसके बीज से नर्सरी डाल लीजिए और उसके बाद उस की रोपाई शुरू करें।
11) मटर
मैदानी भागों में तो मटर को अक्टूबर महीने में बोया जाता है लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में मटर की बुआई सितंबर महीने में शुरू हो जाती है। बीज लाने के बाद इसको शोधन करना काफी आवश्यक है इसमें जर्मीनेशन का ध्यान रखेंगे तो फसल भी अच्छी होगी और आपको काफी ज्यादा लाभ भी देखने को मिलेगा।
12) गाजर/चुकंदर/शलगम
पहाड़ी इलाकों में गाजर चुकंदर व शलगम की खेती सितंबर महीने में कर सकते है, इसके लिए खेत को अच्छे ढंग से तैयार कीजिये ताकि फसल को किसी भी तरह का नुकसान ना हो। चुकंदर शलगम गाजर इन तीनों में ही लागत काफी कम लगती है और फायदा अधिक होता है।
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