किसानों के अधिकारों का हो रहा शोषण !
लखनऊ। 11 अक्टूबर 2017! राष्ट्रीय किसानमंच (कृषक सेवा समिति) ने गन्ना किसानो की समस्याओ को लेकर आज गन्ना आयुक्त के कार्यलय में जबरदस्त प्रर्दशन कर घेराव किया। प्रर्दशनकारियो ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपनी मांगो पर त्वरित कार्यवाही करने की मांग की। इस मौके पर किसानो को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि आज के दौर में भी गन्ना किसानो के लिए अपनी फसल का मूल्य पाना नाको चने चबाने जैसा है। 1800 करोड से उपर निजी चीनी मिलो पर बकाया है। पिछली सरकार में भी उनसे ये भुगतान सरकार नहीं करवा पायी कई बार कोर्ट के निर्देश पर भी ना ही सरकारो ने चीनी मिलो के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया और न ही कोई सरकारी दबाव बनवाया। गन्ना किसान बैको से कर्जा लेकर फसल उत्पादन करता है।
परन्तु समय पर पैसा न मिलने के कारण लाभ तो दूर की बात है कर्ज चुकाने में ही अपना जीवन बिता रहा है। सरकार ये तो बता रही है कि सहकारी चीनी मिलो पर 180 करोड का बकाया बाकी है परन्तु निजी चीनी मिलो के बकाए के विषय में कोई बात नहीं कर रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूर्वोत्तर की तरह यह सरकार भी चीनी मिल मालिको को शरण दे रही है और किसानो को आॅकडो में उलझा रही है ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार चीनी मिल मालिको के मिली भगत और इशारो पर काम करने लगी है। हाल ही में जब गन्ना आयुक्त के वहाॅ चीनी मिल मालिको और उत्तर प्रदेश से आए समस्त किसान भाइयो की बैठक हुई उसमें 5 घण्टा 45 मिनट चीनी मिल मालिक बोले और 15 मिनट उत्तर प्रदेश के सभी किसान भाईयो के प्रतिनिधि। उनका कहना था कि किसानो के बकाए भुगतान के सरकारी दावे आज भी कागजीय है। उन्होंने कहा कि कडी मेहनत के बाद खेत में गन्ना उगाने वाले किसान को आज भी उसकी मिठास का एहसास नहीं हो पाता है। श्री दीक्षित ने कहा कि किसानो के नाम पर सत्ता में काबिज हुई सरकार किसानो के साथ सिर्फ आॅकडो की बाजीगरी कर रही है, और उनके अधिकारी किसानो के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे है। गरीब किसानो को वर्तमान सरकार से बहुत अपेक्षाए थी लेकिन अब पानी सिर के उपर पहुॅच रहा है। राष्ट्रीय किसानमंच अब शान्त नहीं रहने वाला है।
गन्ना आयुक्त कार्यालय में राष्ट्रीय किसान मंच ने सात सूत्रीय ज्ञापन भी सौपा जिसमें मंहगाई के दौर में गन्ना सर्मथन मूल्य बढाने ,बकाया भुगतान तुरन्त कराने और यदि उसमें विलम्ब होता है तो ब्याज के साथ भ्ज्ञुगतान कराने का प्राविधान सख्ख जाए। प्रत्येक गन्ना उत्पादक जनपद में किसान भवन बनाने, किसानो की मिल पर पेयजल, टीन शेड, शौचालय आदि की मूलभूत जरूरतो को पूरा किए जाने किसानो की ट्रालियाॅ गाडियो को मिल पर पहॅुचने के बाद निश्चित समय पर खाली किए जाने आदि मांगो का ज्ञापन सौपा गया। प्रर्दशन में सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, बाराबंकी, पीलीभीत के किसानो ने बडे पैमाने पर अपनी उपस्थित दर्ज करायी।
धरना प्रर्दशन में प्रदेश अध्यक्ष प्रशान्त तिवारी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि गन्ना किसानो की समस्याओ का समाधान जब तक नहीें हो जाता वो विभाग को शांत नहीं बैठने देंगे। जब तक किसानो की मांग पूरी नहीं होती तब तक पूरे प्रदेश में प्रर्दशन चलते रहेंगे।
प्रर्दशन में मुख्य रूप से राष्ट्रीय महासचिव वसीम खान, अनिल चैबे, संगठन मंत्री संजय कुमार, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष ऋचा चर्तुवेदी, गरिमा वर्मा, शीतल, लखनऊ मंडल के मोहित मिश्रा, प्रदीप पाण्डेय, सीतापुर जनपद के जिलाध्यक्ष शिव प्रकाश सिंह,घनंजय अवस्थी, वेद प्रकाश मिश्रा, प्रताप मिश्रा, सचीन्द्र जी, हरदोई से डा0 जे0बी सक्सेना और बाबू लाल सक्सेना, अर्जुन सिंह, उन्नाव के जिलाध्यक्ष सर्वेश पाल, सादिक अली विभिन्न ब्लाक एंव तहसील अध्यक्षो ने भी बडे पैमाने पर धरने में सहभागिता निभाई। इनमें सीतापुर के धूम सिंह, ओम प्रकाश गुप्ता, सनोज मिश्रा, डा0 जी0एल वर्मा, जिलाध्यक्ष पीलीभीत, डा0 हीरा लाल वर्मा एंव लखीमपुर खीरी,के जिलाध्यक्ष आलोक कुमार दुबे बहराइच जिलाध्यक्ष आन्नद अवस्थी सुरेन्द्र कुमार चैरसिया प्रदेश महासचिव, नितेश मिश्रा, प्रसून शुक्ला, संजय सिंह, विशाल संडीला, मन्नू दादा संडीला, व समस्त किसान भाई एंव प्रदेश भर से आए हुए गन्ना किसानो के राष्ट्रीय किसानमंच के प्रतिनिधि शामिल हुए।
संजय कुमार
संगठन मंत्री (रा0कि0मं)
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